शब्द का अर्थ
|
धकार :
|
पुं० [देश०] १. कान्यकुब्ज और सरजूपारी ब्राह्मणों के वर्ग का वह ब्राह्मण, जो उनकी दृष्टि में निम्न कुल का हो। २. एक राजपूत जाति। ३. कम या थोड़े पानी में होनेवाला एक तरह का धान। (पंजाब) स्त्री०=धिक्कार।a वि०=दोगला।a |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
धकारा :
|
पुं० [अनु० धक] धकधकी। आशंका। खटका। क्रि० प्र०—पड़ना।—लगना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |